जो वक्त जि़दगी के बचे हैं, उन खुशियों मे जीना चाहता हूंँ, जो सांसें बची है जि़दगी की, तेरे साथ जीना चाहता हूंँ, तुम साथ दे दो इस जि़दगी का, मैं तुम्हें पाना चाहता हूँ। जो खुशियाँ खोई थी कही, मैं बस उन्हें पाना चाहता हूंँ। हसरतें मेरी तुम से जुड़ी हैं, वो हसरतें बस चाहता हूँ। मुहब्बते-जज्बातों को समझो, वो ख्वाहिशें चाहता हूँ। जो वक्त जि़दगी के बचे हैं, तेरे संग जीना चाहता हूँ। ©।।दिल की कलम से।। तेरे संग