किरण आंसु की धारा बह रही अब तो बरस जा सुरज कि तपस इतनी अब तो गरज जा बैरी तो न बन रे मेघ कुछ तो समझ जा नयनों से न ओझल हो अब तो तरस जा आंसु की धारा बह रही............. -gk the smart #किरण