बचपन में सबको गिर कर संभालना सिखाते हैं तो क्यों बड़े होने पर एक दूसरे को फिर गिरातें है कहां चला जाता है बचपन में बसा दया और धर्म क्यों तेरी मेरी का फ़र्क दिमाग में आ जाता है क्यों क्यूँ चाहता है करना वो हुकूमत सब पर क्यों अपना सरमाया ही भूल जाता है ना मरने दो बचपन को उसे जिंदा रखो इंसान को इंसानियत का नुमाइंदा रखो ©Anita Mishra #BehtiHawaa Hinduism