White tiप्रेम क्या? तुम जान पाते। तो हमेशा मुस्कुराते। फिर को'ई चाहत न रहती। जो गले, हमको लगाते। हो गए क्यों दूर हमसे। क्या हुआ ये तो बताते। कुछ समझते तुम हमें भी। और कुछ अपनी सुनाते। तुम हमेशा याद रखते। इस तरह दुनिया घुमाते। रेगज़ारो में तुम्हें हम। खोदकर पानी पिलाते। तुम जहाँ से भी गुज़रते। फ़ूल राहों में बिछाते। हम वहीं रहते खड़े और' धूप में खुद को सुखाते। प्रेम कर सकते कहाँ तक। हम तुम्हें करके दिखाते। क्या नहीं करते भला हम। तुम अगर जो मान जाते। यार जब भी भूख लगती। हाथ से खाना खिलाते। तुम अगर हमसे कभी भी। रूठ जाते तो मनाते। शौक़ पूरे करने' ख़ातिर। उम्र भर पैसा कमाते। रोज़ तुमसे बात करके। ख़्वाब में तुमको बुलाते। छोड़कर जाते नहीं तो। हम तुम्हें अपना बनाते। और क्या करते बताओ। और कैसे हम निभाते। प्रेम क्या? तुम जान पाते। जब गले हमको लगाते। ©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #love_shayari #कविता_संगम