इस सहरा-ए-दिल को प्यार से सजाइए, कुछ वीरान गुलिस्तां को ख़ार से सजाइए اا सरहद है यहां दुश्मनी के फूल खिलते हैं, छोड़िए के इस ज़मीं को तार से सजाइए اا तनहा हैं तो कोई ग़म नहीं है ज़िन्दगी में, मगर लाज़िम है इसे कुछ यार से सजाइए اا जंग है हयात और हम मुजाहिद हैं 'अबीर', कुछ तो ज़रा समझिये इसे वार से सजाइए اا सहरा - रेगिस्तान, गुलिस्तां- बाग़, ख़ार - काँटों, हयात - जीवन, मुजाहिद- योद्धा सुप्रभात। जीवन रूपी कमरे को, प्यार से सजाइए... #प्यारसे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqtales #yqaestheticthoughts #yqlife