मैं जल रहा हूं, मेरा प्यार राख हो गया, तुम उस धुएं में जा रही हो।। अरे कोई पानी तो डालो, की मेरी नींद खुल जाए।। या उस आग में डालो, की मेरा प्रेम ना छूट जाए। राख को भी साख बनना है!!