किसी कि दी हूई दगा महोबत मे मेरे काम आ गई दिमाग कहेता हे जिन्दगी कर ले ख़त्म पर दिल कहेता हे वह तेरी जिन्दगी वना गई उसकी हर ईक याद मूझे लिखना सिका गई किसी ने दि महोवत मै दगा जो मेरे काम आ गई उसकी दगा हि मूझै शायर वना गई vinod Rajput bhati shayr bna ghai