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वास्तविक स्वरूप मौन क्या है ? ********************

वास्तविक स्वरूप मौन क्या है ?
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समस्त पृथ्वी पर कोई भी जीव प्राणी एक ह्रदय प्राणी,
की चेतन अवस्था के बिना नहीं रह सकता है।
वैसे इसका विपरीत प्रभाव पहचान भी जीव व प्राणी
 एक चेतनायुक्त होता है ,वह सम्पूर्ण विषयुक्त पहचान भी है।
इस क्रिया का संयोग से समस्त ब्रह्माण्ड के प्राणियों के
ह्रदय में एक संवेदनशील क्रिया भी होती है।
इस क्रिया का इतिहास को पांच स्वरूप से आंकलन किया
जाता है समस्त ब्रह्माण्ड में ।
प्रत्येक जीव जंतु और पुरुषार्थ शक्ति और नारी शक्ति के ह्रदय  में भी ।
जो इस प्रकार होता है -( शब्द, स्पर्श, रूप,रस और गंध)
 इसलिए ही एक शब्द शक्ति की संवेदनशील क्रिया  मौन का प्रमाण भी है।
इस संसार में कोई भी जीव प्राणी व इन्सान मौन नहीं रह सकता है।
 अपने पुर्ण जीवन काल में।
जिसको हृदय और मुख मिला है तो भौतिक शरीर से वह 
मौन नहीं कैसे रह सकता है संसार में।
इसके लिए केवल  मौन होने का उदाहरण केवल
एक शिष्टाचार और संस्कृति और परम्पराओं से 
कुछ अंश मात्र पवित्रता रूपी उदाहरण भी हो सकता है।
 वैसे मौन होने का  प्रमाण इस संसार में घातक प्रहार
में आकलंन क्रिया उभरते हुए आता है इस संसार में।
सुह्रदय से धन्यवाद जी

©GRHC~TECH~TRICKS( मैं भगवान श्री कृष्ण हूं शत् प्रतिशत)
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