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जब लब्जों की जुबान हृदय का अनछुवा कुटुंब मन क

जब  लब्जों  की  जुबान 
हृदय का अनछुवा कुटुंब
मन  की  शीतलता  को 
बाह्यआडंबर की 
जरूरत  पड़ने  लगे 

तो  मनोस्थिति  की  भयावह
स्वरूप का आगमन हो उठता है
जैसे बदलो से पानी का बिचड़न हो
जो अंत में विषाद भाव रूप बन जाता हैं
वही मूल रूप से दुःख का कारण है  #secondquote #life #mood #मनोस्थिति #sadness #sayari #lifeisamixture #lifeexperience
जब  लब्जों  की  जुबान 
हृदय का अनछुवा कुटुंब
मन  की  शीतलता  को 
बाह्यआडंबर की 
जरूरत  पड़ने  लगे 

तो  मनोस्थिति  की  भयावह
स्वरूप का आगमन हो उठता है
जैसे बदलो से पानी का बिचड़न हो
जो अंत में विषाद भाव रूप बन जाता हैं
वही मूल रूप से दुःख का कारण है  #secondquote #life #mood #मनोस्थिति #sadness #sayari #lifeisamixture #lifeexperience