जब लब्जों की जुबान हृदय का अनछुवा कुटुंब मन की शीतलता को बाह्यआडंबर की जरूरत पड़ने लगे तो मनोस्थिति की भयावह स्वरूप का आगमन हो उठता है जैसे बदलो से पानी का बिचड़न हो जो अंत में विषाद भाव रूप बन जाता हैं वही मूल रूप से दुःख का कारण है #secondquote #life #mood #मनोस्थिति #sadness #sayari #lifeisamixture #lifeexperience