Nojoto: Largest Storytelling Platform

पता नहीं, कैसे, और कब तक, मैं तुम्हें भुला भी पाऊ

पता नहीं, कैसे, और कब तक,
 मैं तुम्हें भुला भी पाऊंगा या नहीं।
या तुम्हारी एहसास की आग में,
 तड़प तड़प के यूं ही मर जाऊंगा कभी।

मैं तुम्हारी मजबूरी को ,नजरअंदाज 
भी कर सकता था, लेकिन पता नहीं क्यों ,
मैं कर नहीं पाया, और अपने पैरों में मार
 कुल्हाड़ी, तुमसे दूर चला आया।

सिर्फ और सिर्फ तुम्हें खुश देखकर
 तुम्हारी खुशी के लिए, सच कहूं तो 
मैं तुम्हें गैर की बाहों में सहन कर नहीं पाया।

इसे सिक्वा या शिकायत मत समझना 
शायद मेरी किस्मत में ही लिखा था तड़पना।

©Anuj Ray
  # मैं तुम्हें भुला भी पाऊंगा या नहीं
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

# मैं तुम्हें भुला भी पाऊंगा या नहीं #ज़िन्दगी

905 Views