बुलाया है मुझे उसने मैं दिल की बात कह दूँगा जो कहने से वो मेरी हो वही अल्फाज़ कह दूँगा कई सालों की मेरी मेहनतें जो रंग लाई है है जो भी आरजू मेरी उसे मैं आज कह दूँगा इरादा कर लिया उसने जो मेरे संग जीने का तो उससे दिल जो भी वो सारे राज कह दूँगा कहूगाँ तुझसे कायम है ये मेरी शायरी जानां गज़ल उसको कहूगाँ और उसे ही साज कह दूँगा हैं युं तो खुबसूरत लडकियां लाखों जमाने में मगर उन सबसे बढकर है तुझी पे नाज कह दूँगा आदाये हुस्न देखा है बहुत सारी सनम लेकिन जुदा है इस जहां में एक तेरा अंदाज कह दूँगा वो पूछेगी अगर मुझसे है क्या रिश्ता तो बोलूंगा तु है मल्लिका मेरीऔर मैं तेरा सरताज कह दूँगा नहीं मानेगी उसके बाद भी तो आखरी में मैं उसे गुजरे हुए कल की कमाल आवाज कह दूँगा नमस्कार साथियों एवं सक्रिय लेखक और लेखिकाओं 🙏🌹🌹🌹✍️ - - - कमाल हुसैन बुलाया है मुझे उसने