एक मे हु की अब तक उसकी तसवीर देख रहा हू , इक वो है रकीब की बाहो मेँ लिपट के बेठी है , किसि रोज मेरे कंधे पे सर जुका कर सोया करती थी वो बदला कुछ नहि है! वो जगहा किसि और ने ले रख्खि है बदनाम ~ राहुल #my_own_words_for_someone_special#shayri_is_my_life#હું_ને_મારી_યાદો#who_cares#badnam_shayar_official#Poet_of_the_day#LFDWE#IHMS#pyar_ek_dhoka_hai