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दिनरात ही मेहनत की भट्टी में सुलगते हैं अफ़सौस ग़र

दिनरात ही मेहनत की भट्टी में सुलगते हैं
अफ़सौस ग़रीबों का इतवार नहीं होता

शादाब आफ़रीदी ✍️

©Shoaib khatri
  गरीबों का इतवार नहीं होता

गरीबों का इतवार नहीं होता #शायरी

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