मोहन से मसीहा का सफर ---- ©OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) मोहन से मसीहा बनने का सफ़र आसान नही था।----हाड -माँस का अधनंगा फकीर,,,,, शांति का दूत बनकर "अहिंसा रुपी हथियार को लेकर संसार की सबसे बडी हुकुमत को जड़ से वतन से उखाड फेकने वाला पुरोधा "निश्चित ही हजारो विषम पारिस्थितियो से लड़ता हुआ ।अपने संकल्प तक पहुँच कर ही दम लिया। गाँधी केवल एक व्यक्ति नही बल्कि एक युग है।जिन्होने अपनी सुझ-बुझ के द्वारा वतन को एकता के सुत्र मे पिरोकर "अपने संकल्पों को कृतार्थ करता है। गाँधी के विचारों की आँधी हर युग मे प्रांसगिक है। "गाँधी के महान संकल्प के साथ कर्तव्य न