आज एक इत्तेफाक मेरे साथ हुवा, दरवाजा खोला तो वो सामने मिला। नजरें मिली,पर दिल घबराया, मन झकझोरा,फिर इशारे में बताया ।। माना कि हममें अभी थोड़ी दूरियां हैं, पता नहीं,ये कैसी मजबूरियाँ है। समझते हैं दोनों एक दूसरे के अहसास को, पर कहते नहीं कोई अपनी अपनी बात को।। पता नही ये जिंदगी अब क्या रंग लाएगी मुझे उससे दूर करेगी या फिर उसे मेरे पास लाएगी। "पर इतना तो है" उसके शिवा न कोई है और न ही कोई आएगी।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 अहसास