विभिन्न हैं सब, सबका अपना-2 तौर तरीका है, सोचने, काय॔ करने का, सबका अपना सलीका है। क्यों समझ बैठते हैं हम, बस खुद को ही सबसे ठीक, चलें लोग बस हमारी तरह, वरना जाते हैं उनसे खीज। अपनी सोच को सर्वोप्रिय रख, दूसरों के प्रति सहनशक्ति कम होती जा रही है, दूसरों के नज़रिये को ना समझने की हठ, रिश्तों में गहरी दरारें ला रही है। दिल और दिमाग का खुला रखना, है बहुत ही ज़रूरी, किसी का दिल दुखा कर, क्या फायदा जो आपकी बात हो पूरी। अपने विचार जरूर रखिए, पर खुद को हमेशा ठीक समझ, दूसरों पर अपनी बातें ना थोपिए, दिल से सुनिए दूसरों की भी बात, अहम को दीवार बना, खुद को कुछ नया सीखने से ना रोकिए। ©Ruchika #ज़िन्दगी #रिश्ते #सहनशक्ति Vasudha Uttam Antima Jain Anshu writer आशुतोष यादव Spykee!!!! Manak desai Priya dubey Priya Gour Rajinder Singh Gill sunny Adlakha Yatin (Calmyaab) Neha Pant Nupur Harsh Rai ©writerRai