आओ हिंदी सीखें-हिंदी के भेद read the complete poem in comment section #NojotoQuote चलो सीखें हिंदी- हिंदी के भेद।। हिंदी का जो बोलूं भेद, रखो याद, तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज। मातृभाषा से न हो मतभेद, मुझसे सुनो, लो इसे तुम रग रग में रज। तत्सम की जो बात करूँ,