सन--1931 स्थान--लंदन महीना--नवंबर-दिसंबर तापमान--0-5 उपरोक्त वर्णन बापू को समझने के लिए काफी है। एक 70 वर्ष का वृध्द और ब्रिटेन की हाड़ कंपा देने वाली ठंड। समूचा ब्रिटेन बापू के बारे में अलग कल्पना करता था। क्योंकि जिस अंग्रेजी हुकूमत ने 1857 से लेकर भारत के सभी अंग्रेज विरोधी अभियान कुचल दिए हों। वो "सर्वशक्तिमान" हुकूमत जिसके राज में सूरज कभी अस्त नहीं होता था। ऐसी हुकूमत एक व्यक्ति से डर गई।लोगों में कौतुहल था कि वो व्यक्ति कैसा होगा?? रौबीला, गठीला,तंदरुस्त, लेकिन गौर से फोटो देखिये अपने हाँथ से बुना सिर्फ सूत का अंगोछा और धोती पहने हुए और पैरों में बहुत साधारण चप्पल( जूते भी नहीं)// बापू हांथों में जो कपड़े पकड़े हुए हैं वे कपड़े "महारानी" ने भेजे हैं लेकिन बापू ने उन्हें पहना नहीं... बापू पैदल चल पड़े भारतीयों और श्रमिकों से मिलने उनकी बस्ती में। फोटो में अगवानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड कर रहे हैं सम्पूर्ण ब्रिटेन हतप्रभ है एक बिल्कुल कृशकाय व्यक्ति ने जिसके तन पर ढंग के कपड़े भी नहीं हैं। पूरे अंग्रेजी साम्राज्य को ताश के पत्तों के मानिंद फेंट दिया है बापू देवताओं की भांति इस पृथ्वी पर अवतरित हुए... #Mahatma Gandhi: The father of Nation