शुक्रगुज़ार हूँ तुम्हारी, जाते-जाते नफ़रत से नवाज़ गए। दिलो जान से चाहा तुम्हें, और अपनी बर्बादी का सबब कह गए। इश्क़ साबित करना नहीं आता मुझे, मेरी मोहब्बत को तुम चंद शब्दों में तौल गए। क्या अल्फ़ाज़ों से ही इश्क़ बयां होता है, सालों के रिश्ते को तुम यूँ तोड़ गए। कहो ख़ता क्या थी मेरी, जो रुसवाइयों में मुझे मोड़ गए। क्या दिल्लगी ऐसी होती है, ज़िन्दगी के सफ़र में तन्हा छोड़ गए। #शिल्पी शहडोली #heartbreak #tanhai #ishq #ss #NojotoHindi #NojotoShayri #NojotoNews #peace