रात की तन्हाई वो नज़्म नही मेरी हक़ीक़त है, जिसे सुन तुम... लाज़वाब कहते हो, मैं ख़ुद को रुलाता हूं हर महफ़िल में, जिसे तुम इक तरफ़ा आशिक़ी कहते हो, वो नज़्म नही मेरी हक़ीक़त है, जिसे सुन तुम... लाज़वाब कहते हो। ©Krishna Soni #krishnasoni #jzbaatdilse #najm #Shayari #Love #Truth #Hate #इश्क़ #अल्फाज़ Niraj Chauhan