ख़्वाहिश है आसमाँ से किसी को लौटाने की... एक झलक जो दिखलादे उनकी ऐसे किसी बहाने की... वो कहते थे मैं हूँ तेरे लिए तू फिक्र ना करना कभी... हर किसी को मना था जो तकलीफ दे मुझे उस बात का जिक्र भी करना कभी... अब आंसू हैं आंखों में और वो हंसाने नहीं आते... नाराज हूँ मैं उनसे और वो मनाने नहीं आते... उनकी ही बातें उनकी ही यादें उनके ही अफसाने हैं... एक बार तो सुनो आकर किस्से बहुत हैं जो आपको सुनाने हैं.... आपका वो रुठना मनाना सब कुछ खास था... आपके होने से ही तो बचपन सा अहसास था... सुना था पापा के जाने से दुनिया बदल जाती है... पर अहसास ना था अपनों की भी वो झूठी नजदीकियां बदल जाती हैं... आज खुशियां और गम दोनों के बहाने हैं... पर नहीं पता बिन आपके कैसे निभाने हैं... हर दिन जब भी कुछ नया पाती हूँ... आप होते तो कैसा होता यही सोचते रह जाती हूँ... गुज़रता हर लम्हा यही अहसास है दिलाता... काश़ आप होते तो सब सही हो जाता... काश़ आप होते...! love you papa.....miss you 😢