ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर लगी है अगन तो बुझाएंगे भी जगी प्यास तो पिलाएंगे भी । दुःख हुआ अगर तो जालिमा कतरा कहर का कर देंगे जमा । फैले हुए हाथों को भी जोड़कर इच्छा जवानी की सब फोड़कर मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही । ©Ajay Tanwar Mehrana जमीं पर नहीं तो आसमां सही sad poetry hindi poetry on life