🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 *कहाँ पर बोलना है* *और कहाँ पर बोल जाते हैं।* *जहाँ खामोश रहना है* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।* *कटा जब शीश सैनिक का* *तो हम खामोश रहते हैं।* *कटा एक सीन पिक्चर का* *तो सारे बोल जाते हैं।।* *नयी नस्लों के ये बच्चे* *जमाने भर की सुनते हैं।* *मगर माँ बाप कुछ बोले* *तो बच्चे बोल जाते हैं।।* *बहुत ऊँची दुकानों में* *कटाते जेब सब अपनी।* *मगर मज़दूर माँगेगा* *तो सिक्के बोल जाते हैं।।* *अगर मखमल करे गलती* *तो कोई कुछ नहीँ कहता।* *फटी चादर की गलती हो* *तो सारे बोल जाते हैं।।* *हवाओं की तबाही को* *सभी चुपचाप सहते हैं।* *च़रागों से हुई गलती* *तो सारे बोल जाते हैं।।* *बनाते फिरते हैं रिश्ते* *जमाने भर से अक्सर।* *मगर जब घर में हो जरूरत* *तो रिश्ते भूल जाते हैं।।* *कहाँ पर बोलना है* *और कहाँ पर बोल जाते हैं* *जहाँ खामोश रहना है* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।* #NojotoQuote 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 *कहाँ पर बोलना है* *और कहाँ पर बोल जाते हैं।* *जहाँ खामोश रहना है* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।* *कटा जब शीश सैनिक का*