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न नाम का पहला अक्षर पता, न ठिकाने के तेरे कोई खबर

न नाम का पहला अक्षर पता,
न ठिकाने के तेरे कोई खबर हैं;

फिर भी तुझ तक पहुँचने की राह..
ढूँढती मेरी ये नज़र हैं!

हर अगली सुबह बस तुझसे मिलने की ख़्वाहिश..
और हर ढलती शाम तुझे न पाने का ग़म साथ हैं;

फिर भी आशिकों की भीड़ से खुद को बचा कर..
अमानत हूँ तेरी..ये खुद को तरीके से समझा रखा हैं!

तू कहीं न कहीं तो है.. सिर्फ़ ये सोच कर मिलती राहत हैं,
और मेरी हर दुआ में तेरी सलामती की चाहत हैं!

हर धड़कन मेरी तुझ से मिलने को बेसबर..
फिर भी न जाने तू अब तक कैसे बेखबर बैठा है!

समझ रहा है ना..?
मुझसे बिन मिले ही तू..मुझ में जी रहा है!!

©Mrunali | मृणाली #first_quote #longingforlove #girlthoughts #awaitingeyes
न नाम का पहला अक्षर पता,
न ठिकाने के तेरे कोई खबर हैं;

फिर भी तुझ तक पहुँचने की राह..
ढूँढती मेरी ये नज़र हैं!

हर अगली सुबह बस तुझसे मिलने की ख़्वाहिश..
और हर ढलती शाम तुझे न पाने का ग़म साथ हैं;

फिर भी आशिकों की भीड़ से खुद को बचा कर..
अमानत हूँ तेरी..ये खुद को तरीके से समझा रखा हैं!

तू कहीं न कहीं तो है.. सिर्फ़ ये सोच कर मिलती राहत हैं,
और मेरी हर दुआ में तेरी सलामती की चाहत हैं!

हर धड़कन मेरी तुझ से मिलने को बेसबर..
फिर भी न जाने तू अब तक कैसे बेखबर बैठा है!

समझ रहा है ना..?
मुझसे बिन मिले ही तू..मुझ में जी रहा है!!

©Mrunali | मृणाली #first_quote #longingforlove #girlthoughts #awaitingeyes