मेरी खैर ख़बर किसे, मै तो उड़ती हवा सी मुहाजिर हूं फकीरन कहो या बहता पानी, दोनों ही अल्फाजों में मुनासिब हूं कोई पुकारे दिल से जो, वहां हाज़िर हूं ना मंदिर ना मस्ज़िद जानू ,काफ़िर थी काफ़िर हूं #ritu #मुहाजिर हूं