सुलग रहा है जिस्म अब रात भी बन गयी दुश्मन-ऐ-जिंस्त होता नही सब्र बिना वस्ल मिलन को तरसता है तन अब नही बहलता किसी बात से मन आओ और बुझाओ यह अगन छू लो इस तड़पन को तुम शांत कर दो यह गलन सुलग रहा है जिस्म इस पर Collab करे और एक कामुक दृष्टिकोण से इसको पूरा करे । #mnmसुलगरहा #mnmhindi #moansandmoons #erotica #erotica_hindi #mnm #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Moans & Moons