आज बड़ा दिन है! यशु का है यशी है प्रेरणा पुंज मेधा मालवीय है अटल सूर्य दिवस का सारथी है। भव्यतम गगन पथ पर सवारी आ रही है गूँजते है नभ में, प्रलय कम्पित समय में विजय के गीत दुर्लभ हवाएँ गा रही हैं मिला संघर्ष पथ पर "यह भी सही वह भी सही"है। पर नियत अलगाववादी तुम्हें भरमा रही है... रचा षड्यंत्र किसने जल रहे किसके सपने माँ भारती! देखो करुण स्वर में किसे बुला रही है अटल कंठों में उमगित जतन दोहरा रही है "कदम मिलाकर चलना होगा।" पुकारें आ रही हैं चलो उस ओर निर्भय सुनिर्मित सुयश पथ पर लेखनी प्रेय भर-भर जहाँ अगणित दिए जला रही है प्रभा की स्वरलहरियाँ सबल उत्साह पूरित विहान विहग पख पर सदिश लहरा रही हैं विजय के गीत दुर्लभ हवाएँ गा रही हैं आज का दिन बड़ा है स्मृतियाँ जगा रही हैं। #toyou#ToMalviyaji#toAtalji#tothecultofpoetry#yqsun#yqways