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प्रेम तो सिर्फ मामूली सा एक अहसास है। प्रेम निभाने

प्रेम तो सिर्फ मामूली सा एक अहसास है।
प्रेम निभाने वाले, जिसे बना देते ख़ास है।
जाहिर करती आंखें, ज़ुबां चुप रहे भी तो
दो दिलों की आस, एक अटूट विश्वास है।।

©Nilam Agarwalla
  #“प्रेम”

#“प्रेम” #Poetry

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