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सर्द मौसम में नर्म धूप के जैसा है तपती गर्मी में ठ

सर्द मौसम में नर्म धूप के जैसा है
तपती गर्मी में ठंडी बर्फ के जैसा है
क्यों ना गुरुर करू मैं अपनी किस्मत पे
मेरा हमसफर बिल्कुल मेरे जैसा है
हम दोनों एक दूजे को अच्छे से समझते हैं
चाहे जो हो, हर हाल में बस खुश रहते हैं
अधूरे है दोनों एक दूजे के बिना
हम दोनों एक दूजे के दिलों में रहते हैं
चाँद तारों से सजे अर्श जैसा है
कंटीली राहो पे संगमरमर के फर्श जैसा है
क्यों ना गुरुर करू मैं अपनी किस्मत पे
मेरा हमसफर बिल्कुल मेरे जैसा है
जिंदगी को खुशनुमा सी शाम बना रखा है
हमने अपना रोज़ का काम बांट रखा है
मंजिले मिल जायेगी थक कर ही सही
उम्र भर के लिए एक दूजे का हाथ थाम रखा है
मेरे इस सफर में हमदर्द जैसा है
मोहब्बत के मीठे मीठे दर्द जैसा है
क्यो ना गुरुर करू मै अपनी किस्मत पे
मेरा हमसफर बिल्कुल मेरे जैसा है

©Vinay Mishra
  happy anniversary
vinaymishra7599

Vinay Mishra

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