यूं तो ये नज़र हर रोज नये हुस्न को देखकर फिसलती है। मगर जिसे देख कर ठहर जाये जो ये निगाहें वो चेहरे का नूर तुम्हारा है । ©Anil Makwana (mere_Alfaz) #_ये_नज़रें_तुम्हें_ढूंढती_है_! #_longdistance #_relationship #_writer_for_you #_mazhab