इक रोज तेरे बगैर जीना पड़ा मुझको , उस पल में हर पल में मौत सी आई फिलहाल सब बिखरा है पहले की मर्तबा सब आया मेरे हिस्से बस इक तू नहीं आई ©निखिल #diary separate