एक ओंकार सतिनाम, करता पुरखु निरभऊ। निरबैर, अकाल मूरति, अजूनी, सैभं गुर प्रसादि। वाहे गुरू जी सतनाम वाहे गुरू जी दा खालसा. .. वाहे गुरु दी जी फते.. . ✌