कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलने से विद्वान नहीं कहलाता है। जो धीरज रखने वाला, क्रोध से रहित,नीडर होता है,वही विद्वान व्यक्ति कहलाता है। अनुभव पर आधारित