हम तो दिल से हारे किसी ने भी ना समझा हमारे दिल के इशारे। आशियाँ बनाने चले थे हम जिनके सहारे वो कभी हुए ही नहीं हमारे। हम बेमौत रहे मरते वो किसी और के बाहों में प्यार अपना परवान रहे चढ़ाते। कभी बंधन छुड़ा लिया एतबार को धोखा दिया सबने मुझे गलत ठहरा दिया। हमने की जिसकी परवाह करते रहे मोहब्बत बेवजह वही कर गए मेरी ज़िन्दगी तबाह। दिल था मेरा शीशा धोखे में टूट कर बिखर बन गया पत्थर जैसा। दिल ना जाने टूटा कितनी बार प्यार करना कभी छोड़ा नहीं प्यार पर से भरोसा अभी टूटा नहीं। उम्मीद है एक दिन बनेगा मेरा भी प्यार का आशियाँ दिल में खिल जायेगा सच्ची मोहब्बत की वादियांँ। ♥️ Challenge-978 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।