हम नासमझ थे जो दुनियां से उलझ बैठे उन्हें अपना और खुद को उनका समझ बैठे दीवानगी को हमारी दुनियां आवारगी समझ बैठी और हम नासमझ इसे वक़्त और हालातो का खेल समझ बैठे सच्ची उल्फत थी हमारी कोई दिमागी खेल नहीं हाय! पर वो भी इसे ना जाने क्या समझ बैठे @deepali dp #true_love #deepalidp #mojzamiracle #rahayerooh #hindi_poetry #hindi_shayari