वृक्ष की शाखाएं, पत्ते झूमतते -लहराते हैं मदमस्त जब जब हवा चलती है. ऐसा लगता है मानो बजा सितार, उर तक पहुंच जाती है जिसकी झंकार. लताओं पर बैठे पंछी कर कलरव, साधते संतुलन पंजों, पंखों पर. मानो जैसे कर रहे हो नृत्य, प्रकृति में दीखते हैं कई अनोखे कृत्य. हवा जब-जब होती प्रचंड कर देती सब खंड खंड फिर गिरा निर्मूल पत्ते लताएं वृक्ष धरा तक झुक जाएं. यह सीख भी है सत्य चिरंतन, ताकि दुनिया इस पर करें मनन. #वृक्ष का संघर्ष