दर्द सारे अब छुपाना आ गया है आईने को ये हुनर का क्या पता है चेहरा दास्तां कहां दिल का बताता ज़ीस्त के दामन ख़लिश से जो भरा है ©Krishna Shrivastav(राज़) #UskePeechhe