तुझे फिर से मिलूँ मै और तुझमे ही बस खो जाउ,, बिछड़ जाउ मै खुद से और तेरा बन के रह जाउ,, ये मिलना क्या, बिछडना क्या, ये तड़पन क्या ये रोना क्या,, बने तू मौत मेरी और मै तुझमे ही हा सो जाउ,, #पंडित