"मेरी दादी माँ" वो दिन भी याद अब आतें हैं जब दादी की छाँव में बसते थे। दादी माँ की उस छाँव में रहकर आजादी के किस्से सुनते थे।। महान बनों के सपनें देकर जब दादी हमें सुलाती थीं। वीर और बलिदानों की वो गाथा हमें सुनातीं थीं।। जीवन के नैतिक मूल्यों पर, वो चलनें की शिक्षा देती थीं। पढ़ लिखकर विद्वान बनों यह सीख हमेशा देती थीं।। गलती करनें पर दादी हमको जोरों की डाँट लगाती थीं। कुछ पल के बाद वो खुद हाथ से दूध पिलातीं थीं।। खेल कूद की भागदौड़ से जब भी हम थक जाते थे। उनकी प्यारी लोरी को सुनकर शुकून से हम सो जाते थे।। वो राम कृष्ण की कथा सुना जीनें की कला सिखातीं थीं। मेरी प्यारी दादी हमको ईश्वर का अस्तित्व बतातीं थीं।। मेरी दादी की सोंच ने हमको राष्ट्र प्रेम सिखलाया है। है मानवता में भगवान बसा यह मार्ग हमें दिखलाया है।। वो इस सुंदर प्रकृति की प्रेमी थीं। मुझे प्रकृति से प्रेम सिखाया है।। जीव जन्तु पर दया भाव और स्नेह का अर्थ बताया है।। instagram@kalam._kranti @ -Aditya R Mishra #dadima #love #qoutesoftheday #writersofindia #writersofinstagram #nojoto #life #story