मन तो है उड़ती चिड़िया कभी इधर को उड़ती कभी उधर को उड़ती नहरे नदियां सबको पार है वो करती, स्वच्छंद आजाद हो है घूमती पर लग जाए जो कही को वही अपना वास है करती कितना भी समझा लो मन को नही वो किसी की कभी है सुनती। कौन पकड़ पाया मन को... #मनकोपकड़पाया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi