कश्मीर बुलाए चल दो... आवाज उठाए चल दो... कश्मीर बुलाए चल दो... गुमनाम बनी है घाटी, थर्राए उठि है माटी, माटी पुकारे चल दो... कश्मीर बुलाए चल दो... संगीन बरसती होगी, आवाम तरसती होगी, आवाम पुकारे चल दो... कश्मीर पुकारे चल दी... मुसलमान न होता कोई, ना हिन्दू सीख ईसाई, इंसान पुकारे चल दो... कश्मीर बुलाए चल दो... कविराज। 8698845253 कश्मीर बुलाए चल दो...