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कल एक शख्स ने हमे "बाबा" कह दिया , इसी बात पर हमने

कल एक शख्स ने हमे "बाबा" कह दिया ,
इसी बात पर हमने कुछ यूं ही लिख दिया।

 बाबा बन गए हो क्या,
 कैसा-कैसा लिख रहे हो क्या ।

 हमने कहा- बाबा बनना अब कहां आसान होता है , 
जीते जी जिंदगी में पोता या पोती देखना होता है।

 कमाने के चक्कर में इंसान फना रहता है ,
बेटे के साथ अब बाप कहाॅ रहता है।

 इसी जद्दोजहद में इंसान फंसा रहता है,
 बाप बेटे को, बेटा बाप को भला- बुरा कहता है।

 तीनो पीढ़ियों का संगम,अब साथ कहाॅ रहता है,
मेरी बीवी, मेरे बच्चे तक ही रोना रहता है।

 आधुनिकता की दौड़ में ,पता नही अभी क्या क्या खोना है,
भागते रहो दिन भर ,न रात को चैन से सोना है ।

- प्रभु किशोर शर्मा (शर्मा जी) #असमंजस
कल एक शख्स ने हमे "बाबा" कह दिया ,
इसी बात पर हमने कुछ यूं ही लिख दिया।

 बाबा बन गए हो क्या,
 कैसा-कैसा लिख रहे हो क्या ।

 हमने कहा- बाबा बनना अब कहां आसान होता है , 
जीते जी जिंदगी में पोता या पोती देखना होता है।

 कमाने के चक्कर में इंसान फना रहता है ,
बेटे के साथ अब बाप कहाॅ रहता है।

 इसी जद्दोजहद में इंसान फंसा रहता है,
 बाप बेटे को, बेटा बाप को भला- बुरा कहता है।

 तीनो पीढ़ियों का संगम,अब साथ कहाॅ रहता है,
मेरी बीवी, मेरे बच्चे तक ही रोना रहता है।

 आधुनिकता की दौड़ में ,पता नही अभी क्या क्या खोना है,
भागते रहो दिन भर ,न रात को चैन से सोना है ।

- प्रभु किशोर शर्मा (शर्मा जी) #असमंजस