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अमीरी हुस्न में उसके, अदा भी खूब निराली है ; निगाह

अमीरी हुस्न में उसके, अदा भी खूब निराली है ;
निगाहें कातिलाना, होंठ का तिल भी सवाली है ।
बिखेरे जुल्फें जब अपनी, अचानक शाम हो जाये ;
शराफत क्या कहूं उसकी, शरारत भी खयाली है ।।

©RISHI SHUKLA अमीरी हुस्न में उसके, अदा भी खूब निराली है ...
#rishishukla 

#SAD  Alfaaz Tere Mere  Vina Bodar Nisha sharma बेबाक कन्नौज  Hiyan Chopda
अमीरी हुस्न में उसके, अदा भी खूब निराली है ;
निगाहें कातिलाना, होंठ का तिल भी सवाली है ।
बिखेरे जुल्फें जब अपनी, अचानक शाम हो जाये ;
शराफत क्या कहूं उसकी, शरारत भी खयाली है ।।

©RISHI SHUKLA अमीरी हुस्न में उसके, अदा भी खूब निराली है ...
#rishishukla 

#SAD  Alfaaz Tere Mere  Vina Bodar Nisha sharma बेबाक कन्नौज  Hiyan Chopda
shukla7893367113035

RISHI SHUKLA

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