जहां गुजारे थे बचपन अपने, कर्मभूमि जकड़ रक्खा है अपने गांव से ओझल रक्खा है पर उम्मीद पर है दुनिया कायम तो मै भी आश यही करती हूं दिन वो भी आयेगा जब सफलता अपनी होगी और अपनों के साथ भी हम होंगे तब सपनों की भी खिड़की खुलेंगी और जन्मभूमि की खिड़की न यूं बन्द मिलेगी। खिड़की तो एक रूपक है। खिड़की विचारों की हो सकती है। कल्पना की, बुद्धि की, साहस की हो सकती है। खिड़की किसी की निगाह हो सकती है। अपनी कल्पनाशीलता को उड़ान दीजिये और खिड़की के नए बिम्ब तलाश करते हुए रचना करें। #jhapost #नवरूप #bestyqhindiquotes Best YQ Hindi Quotes #खिड़की #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi