मैं वो बन जाऊं , जो पसंद है तुम्हें मैं शायरी का हर एक अल्फाज़ बन जाऊं क्योंकि शायरी पसंद है तुम्हें जो तुम्हारे दिल के करीब है जिसके हर शब्द से प्यार है तुम्हें मैं एक किताब सी बन जाऊं क्योंकि पढ़ना पसंद है तुम्हें जिसके साथ तुम घंटों बिताओ जिसे पढ़े बिना अधुरा सा लगे तुम्हें मैं कोई गज़ल बन जाऊं क्योंकि गज़ल पसंद है तुम्हें मैं तुम्हारी चाय की सी आदत बन जाऊं क्योंकि चाय पसंद है तुम्हें मैं वो बहाना बन जाऊं जो हर पल खुश रखे तुम्हें मैं लिख रही हूँ क्योंकि लिखा हुआ पढ़ना पसंद है तुम्हें #Surin मैं वो बन जाऊं, जो पसंद है तुम्हें✍️♥️ मैं और मेरे जज़्बात✍️♥️😊 #Surin♥️