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एक दिन अचानक मेरा हाथ तुम्हारी नर्म नाजुक छाती स

एक दिन अचानक मेरा हाथ तुम्हारी नर्म नाजुक 
 छाती से लगा......
अनायास था
इरादा नहीं था।
तुमने कुछ कहा नहीं...।
कुछ भी नहीं..
और बहुत देर खामोशी ओढ़ने के बाद
सिर झुकाये ही बैठी रहीं
ये कुछ पल
अनन्तता वाले पल
दोनों तरफ की व्याकुलता लिए.....
सजा भी नहीं दी
कहा भी नहीं
शिकायत भी नहीं...
अनायास पवित्रता ओढ़ ली
मेरे प्रेम की
ये प्यार नहीं
मोहब्बत नहीं
सिर्फ प्रेम था....

©RAAM UNIJ MAURYA #निश्छलता
एक दिन अचानक मेरा हाथ तुम्हारी नर्म नाजुक 
 छाती से लगा......
अनायास था
इरादा नहीं था।
तुमने कुछ कहा नहीं...।
कुछ भी नहीं..
और बहुत देर खामोशी ओढ़ने के बाद
सिर झुकाये ही बैठी रहीं
ये कुछ पल
अनन्तता वाले पल
दोनों तरफ की व्याकुलता लिए.....
सजा भी नहीं दी
कहा भी नहीं
शिकायत भी नहीं...
अनायास पवित्रता ओढ़ ली
मेरे प्रेम की
ये प्यार नहीं
मोहब्बत नहीं
सिर्फ प्रेम था....

©RAAM UNIJ MAURYA #निश्छलता