क्या लिखूं इस विपदा में जो सबके सर पे आन पड़ी त्राहि त्राहि हर ओर मचा है हम सबकी ये दुःख की घड़ी है विपदा की इस कठिन घड़ी में गिद्धों ने डेरा डाल दिया है मानव हो के मनाव का ही देखो ये कैसा हाल किया है..... देख रहे उन गिद्धों को हम जो मानव तन को नोच रहे हैं कहाँ गयी मानवता उनकी जो नौ का नब्बे बेंच रहे है जो नौ का नब्बे बेंच रहे...... क्षणिक ©Dhirendra Pandey covid #coronavirus