हर दफ़ा टूटते तारों के बीच फ़क़त मुरादें नहीं माँगी जाती कभी-कभी किया जाता है तुलना, इंसानों के टूटने का खूबसूरत है तारों को टूटते देखना कठिन है इंसानों को टूटते देखना इसलिए शायद हम देख भी नहीं पाते....कि कौन सफ़र में संवर गया और कौन न चाहते हुए भी बिखड़ गया । 🌠.......✍ तारों के शहर में इंसानों का सफरनामा होता कुछ ऐसा है.