_*कबीर बानी*_ *चलो चलो सब कोई कहे,पहुंचे बिरला कोय ।* *ऐक कनक और कामीनी, दुरगम घाटी होय ।।* *ऐक कनक और कामीनी, ये लंबी तलवार ।* *चाले थे हरी मीलन को, बिचही लीन्हा मार ।।* *ऐक कनक और कामीनी, विष फल लिया उपाय ।* *देखत ही ते विष चढे, चाखत हि मर जाय ।।* *कबीर, मन मिरतक भया, ईंद्री अपने हाथ ।* *तो भी कबहु ना कीजिए, कनक कामीनी साथ ।।* *नारी पुरूष की स्त्री, पुरूष नारीका पूत ।* *यही ज्ञान विचार के, छाड़ी चला अवधूत ।।* #Secrets_Of_BhagavadGita #hindidialogue #coronarovirus