अगर सोचो कि सास है मां तो बहू बन सकती बेटी प्यारी मिलजुल कर जो दुख सुख बांटे बन जाए केमिस्ट्री न्यारी बचपन से मन बोया जाता सास कड़क ही होती है बहू को वह बेटी ना माने नखरे वाली होती है तुम सुन लो डांट सास की जैसे मां की सुनती हो खत्म हो जाए सारे झगड़े मीठे बोल जो कहती हो सास भी थोड़ी नरम हो जाए बेटी सा व्यवहार करें बात समझाएं प्यार से तो क्यों ना बहू सत्कार करे सास सिखाती निभाने रिश्ते बहु घर को स्वर्ग करें दोनों जो मिल जाए तो फिर जग इनका पानी भरे ©Anita Mishra #riste #saasbhu #pyaar #privaar